डायबिटीज (शुगर/मधुमेह) के लक्षण,कारण,नुस्खे,बचाव व उपाय – In Hindi

डायबिटीज (शुगर-मधुमेह) के लक्षण,कारण,नुस्खे,बचाव व उपायडायबिटीज: आज के समय में  तेजी से बदलती जीवनशेली, तनाव, डिप्रेशन और चिंता ने अनेको बिमारियों को जन्म दिया है| और उन्ही में से एक गंभीर बीमारी है डायबिटीज जिसे आम भाषा में  शुगर भी कहा जाता है| यह एक ऐसी बीमारी है,जो सिर्फ बड़ो को ही नहीं बच्चो को भी अपना शिकार बना रही है| 

जब हमारे शरीर की Pancreas (अग्न्याशय) में इंसुलिन कम मात्रा में बनता है| तो खून में ग्लूकोज स्तर समान्य से अधिक हो जाता है| तो उस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है|इंसुलिन एक हार्मोन (hormone) है जो पाचक ग्रन्थि द्वारा बनता है| और जिसकी जरुरत भोजन को एनर्जी बदलने में होती है|इस हार्मोन के बिना हमारा शरीर शुगर की मात्रा को कण्ट्रोल नहीं कर पाता | इस स्थिति में हमारे शरीर को भोजन से Energy लेने में काफी कठिनाई होती है|जब ग्लूकोज  का बढ़ा हुआ लेवल हमारे blood में लगातार बना रहता है, तो यह शरीर के कई अंगो को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है|

डायबिटीज यानि  शुगर धीरे-धीरे आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम करती जाती है| आपके शरीर में अगर चोट लग जाए तो घाव भरने में भी दिक्कत होती है| आपकी किडनी, लीवर और धीरे-धीरे आपके हृदय की क्षमता भी घटती जाती है| एक बार शुगर की बीमारी हो जाये तो रोगी के अंदर छोटी छोटी कई अन्य बीमारियां जन्म ले लेती हैं| शुगर के मरीज का ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में नहीं रहता, हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है, ज्यादा दवाइयां खाने से किडनी भी फेल हो सकती है|

Diabetes एक ऐसा रोग है, जो एक बार हो जाए तो फिर जीवन भर के लिए हो जाता है। यह रोग स्वास्थ्य पर कई साइड इफेक्ट्स भी छोड़ता है। Diabetes पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता हैं हालांकि लेकिन इलाज के द्वारा इसका सफलता से नियंत्रण जरुर किया जा सकता है।लेकिन सबसे पहले तो हमें ये पता लगाना होगा की आखिर क्या कारण है जिनकी वजह से डायबिटीज हो रही है|

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डायबिटीज यानी शुगर होने के लक्षण :

डायबिटीज के अनेक लक्ष्ण है जिसमे से निचे दिए गए प्रमुख है|अगर किसी इंसान को इनमे से ज्यादातर लक्षण दिखाई दे तो तुरतं जांच करवानी चाहिए|

1)पेशाब बार बार आना या लगातार पेशाब आना:

डायबिटीज वाले व्यक्ति के खून में ग्लूकोज की मात्रा जरुरत से ज्यादा हो जाती है|इसलिए हमारा शरीर फालतू ग्लूकोज को पेशाब  के रास्ते बाहर निकलने का काम करता है इसलिए डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को बार बार पेशाब आता है|

2)जरुरत से ज्यादा पानी की  प्यास लगना:

बार बार पेशाब जाने की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है|और मुंह सूखने लगता है|जिसकी वजह से व्यक्ति को बार बार तेज प्यास लगती है|यह भी डायबिटीज का एक लक्षण है|

3)हमेशा ज्यादा भूख लगना:

इन्सुलिन का काम ग्लूकोज को एनर्जी में बदलकर मांसपेशियों को एनर्जी देना है| परन्तु डायबिटीज के व्यक्ति के शरीर में इन्सुलिन बहुत कम मात्रा में बनता है  इसलिय इन्सुलिन कम होने के कारण ग्लूकोज पूरी तरह एनर्जी में परिवर्तित नहीं हो पाती और व्यक्ति की मांसपेशियां भूखी ही रह जाती हैं|इस वजह से पेट भरकर भोजन करने के बाद भी व्यक्ति को तेज भूख लगती रहती है

4)अचानक वजन बढ़ना या घटना:

डायबिटीज में व्यक्ति की मांसपेशियां भूखी रह जाती हैं और उनको पूरी एनर्जी नहीं मिल पाती इस वजह से व्यक्ति का वजन घटने लगता है और उसकी कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है| इसके विपरीत कुछ लोगों का वजन तेजी से अचानक बढ़ने भी लगता है|

,5)चक्कर आना और चिड़चिड़ापन:

इंसुलिन कम बनने के कारण जब व्यक्ति को एनर्जी नहीं मिल पाती है तो शरीर में अचानक कमजोरी आने लगती है और इसी वजह से व्यक्ति को चक्कर आने लगते है जिससे व्यक्ति थकावट महसूस करता है डायबिटीज  होने पर लोग अधिक चिड़चिड़े हो जाते हैं। वो छोटी छोटी सामान्य बातो पे बिना किसी कारण गुस्सा करने लगते हैं।

6)थकावट महसूस होना:

शरीर में डायबिटीज लेवल बढ़ने पर शरीर इन्सुलिन का सही इस्तेमाल नहीं करता, जिससे शरीर की कोशिकाओं को भी ग्लूकोज नहीं मिल पाता। कोशिकाओं में ग्लूकोज की कमी के कारण व्यक्ति को थकान अधिक रहने लगती हैं। अगर आपने अपने आपको पहले से अधिक थका हुआ महसूस करते हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

7)धुंधला दिखाई देना या आँखों की रौशनी कम लगना:

जब ग्लूकोज बढ़ने लगती है तो वह व्यक्ति की आँखों के रेटिना को भी प्रभावित करती है जिसकी वजह से रोगी को सब कुछ धुंधला दिखने लगता हैऔर अगर समय रहते ध्यान ना दिया गया तो इससे आँखों की रौशनी जा भी सकती है|

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8)शरीर के घाव चोट और जख्म जल्दी ठीक ना होना:

घावों का जल्दी ना भरना डायबिटीज की पहचान है|डायबिटीज में व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होने लगती है| इस वजह से शरीर पर छोटी सी खरोंच भी लग जाये तो वह जल्दी ठीक नहीं होती और बड़े घाव में बदल जाती

9)हमेशा तबियत खराब रहना :

रक्त में ग्लूकोज का बढ़ना बहुत खतरनाक होता है क्यूंकि यह एक के बाद एक करके शरीर के सारे अंगों की कार्य क्षमता को प्रभावित करता जाता है| व्यक्ति के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती जाती है इस वजह ये व्यक्ति अक्सर ही बिमारियों की चपेट में बना रहता है| कभी बुखार, तो कभी दर्द आदि हमेशा तबियत खराब ही रहती है|

10)हाथ पैरों का सुन्न होना या कांपना :

डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति की मांसपेशियों को उतनी एनर्जी नहीं मिल पाती जितनी कि मिलनी चाहिए इसलिए कई बार बिना वजह पै कांपने लगते हैं| ऐसा ज्यादातर तब होता है जब व्यक्ति  काफी देर से भूखा हो|

11)पूरे बदन में दर्द होना:

डायबिटीज में व्यक्ति के पूरे शरीर में दर्द बना रहता है| यह दर्द खासकर कमर और पैरों में होता है, व्यक्ति के पाँव हमेशा बुरी तरह थके रहते हैं|क्योकि इंसुलिन कम बनने के कारण पर्याप्त मात्रा में एनर्जी नहीं मिल पाती है|

12) यीस्ट या फंगल इन्फेक्शन :

डायबेटिक व्यक्ति में ग्लूकोज अधिक मात्रा में होता है|और यीस्ट को फलने-फूलने के लिए ग्लूकोज चाहिए होता है|इसलिए यदि आपको बार-बार यीस्ट इन्फेक्शन हो रहा है, तो ये भी मधुमेह का एक लक्षण हो सकता है|आमतौर पर ये संक्रमण इन जगहों पर होता है|उँगलियों के बीच में,स्तन के नीचे सेक्स organs और जाँघों के आस-पास|

13) मसूड़ों में घाव व सूजन:

मधुमेह रोगाणुओं से लड़ने की आपकी क्षमता को कमजोर कर सकता है|इस कारण से आपके मसूड़ों और दांतों को जकड़ने वाली हड्डियों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है| ऐसे में आपके मसूड़े दांतों पर से हट सकते हैं|आपके दांत ढीले पड़ सकते हैं, या आपके मसूड़ों में घाव,मवाद या सूजन आ सकती है|

डायबिटीज की जांच के लिए मूत्र या खून की जाँच की जाती है जिसके जरिये शरीर में sugar की मात्रा का पता लगाया जाता है|

खाली पेट –  एक नॉर्मल व्यक्ति में खाली पेट खून में शुगर  की मात्रा 80 से 120 mg/dl तक पाई जाती है| अगर मात्रा 120 से 140 mg/dl तक के बीच में हो तो यह डायबिटीज की शुरुआती अवस्था मानी जाती है और मात्रा अगर 140 mg/dl से ज्यादा पाई जाती है तो यह डायबिटीज की जड़ की अवस्था मानी जाती है|

खाना खाने के बाद – इसी तरह खाना खाने के 2 घंटे बाद  नॉर्मल व्यक्ति में अगर खून की जांच में शुगर लेवल 120 -125 mg/dl से कम पाया जाता है तो यह सामान्य है और अगर इसकी मात्रा 145 mg/dl है तो यह डायबिटीज की निशानी है|

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डायबिटीज यानी शुगर के घरेलु उपाय :

1)मेथीदाना,तेजपान, जामुन,बेलपत्र:

100gm मेथीदाना ,100gm तेजपान के पत्ते , 150gm जामुन की गुटली ,250gm बेलपत्र के पत्ते  इन चारों को धूप में सुखाकर बारीक पाउडर तैयार करना है| इसके बाद रोज सुबह और शाम खाना खाने के एक घंटा पहले एक चम्मच पाउडर को गर्म पानी से लेना है| इस प्रयोग को 3 महीने तक इस्तेमाल करना है| इस प्रयोग से आपकी डायबिटीज यानी शुगर बहुत हद तक कंट्रोल में आ जाएगी|

2) त्रिफला चूर्ण और मेथी दाना:

यह प्रयोग आपके लिए बेहद फायदेमंद है| त्रिफला चूर्ण और मेथी दाना दोनों को रात में अलग-अलग बर्तन में एक चम्मच लेकर भिगोना है|और सुबह बिना मुंह धोए मेथी दाने का पानी पीने के बाद मेथीदाने को भी चबा चबा कर खाना है उसके बाद त्रिफला चूर्ण का पानी बिना छाने पीना है इसके 1 घंटे तक कुछ ना खाएं इस प्रयोग को भी 3 महीने तक लगातार करना है |

3)एलोवरा और गिलोय:

एलोवेरा का रस 4 से 5 चम्मच और गिलोय का रस दो से तीन चम्मच इसे आधा कप पानी में लेकर शाम के समय जब पेट खाली रहे तब पीना है| और उसके एक से डेढ़ घंटे बाद तक कुछ नहीं खाना है यह उपाय ऐसा है अगर इसे आप लगातार  6 से 8 महीने करेंगे तो आपकी शुगर जड़ से खत्म हो जाएगी|

4) कलोंजी है रामबाण:

डायबिटीज के रोगियों के लिए कलौंजी बहुत महत्वपूर्ण हैं|और डायबिटीज की वजह से जो दूसरे शरीर के अंगो को नुक्सान पहुँचता हैं उसमे भी ये बहुत लाभकारी हैं। कलौंजी पैंक्रियास को उत्तेजित कर के अधिक इन्सुलिन का निर्माण करवाता हैं। जिस से शरीर में मौजूद ग्लूकोस शरीर के cell (उत्तकों) द्वारा आसानी से ग्रहण कर लिए जाते हैं। ऐसा इसमें मौजूद थायमोक़्यीनॉन के कारण होता हैं। जिस से प्राकृतिक रूप से शरीर में रक्त शर्करा का लेवल कम हो जाता हैं।सुबह शाम black tea में आधा चमच कलोंजी तेल को मिलाकर पिए|

5)करेला है फायदेमंद:

करेला खाने में कड़वा लगता है|लेकिन यह हमारे शरीरके लिए फायदेमंद है। करेला खाने से जहाँ एक ओर खून साफ़ होता है, वही दूसरी ओर यह शुगर (Diabetes) के मरीज की शुगर को भी Control में रखने का गुण रखता है। करेला जूस सुबह शाम 2 से 3 महीने तक पीने से (Diabetes) Control हो जाती है। आप अपने भोजन में करेला से बनी सब्जी का भी इस्तेमाल करे।

6) आंवले से डायबिटीज कम कैसे करे

आवंला खाने से शुगर (Diabetes) को Control करने के अलावा अनेक बीमारी दूर हो जाती है। आवंला हमारी आखो) की रौशनी बढ़ाता है, आवंले को पीसकर किसी सूती कपडे से छानकर इसका जूस बना ले, और इस जूस को रोजाना खाली पेट पिए। आवंले का जूस शुगर (Diabetes) को कम समय में ही Control कर लेता है। आंवले का जूस में थोड़ी हल्दी मिलाकर सुबह-शाम लेना भी फायदेमंद होता है

7)फलो का सेवन है जरुरी:

ताजे फलो में प्राकृतिक चीनी  पाई जाती है। जो की आपकी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी को पूरा करेंगे साथी आपकी शुगर को भी कंट्रोल करती है। इसके लिए आपको विटामिन c युक्त फल या खट्टे फल जैसे-अनार ,इमली ,संतरा,निम्बू ,जामुन ,अंगूर,आंवला, टमाटर, नाशपाती|इसके अलावा पपीता, सिंघाड़ा, खरबूजा , कच्चा अमरुद,, मौसमी, ककड़ी ,चुकन्दर ,को शामिल करें|

8)हरी सब्जिया है फायदेमंद:

ताज़ी सब्जियां खाए ताज़ा सब्जियों में आयरन, जिंक, पोटेशियम, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है। जो हमारे शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते है। इससे आपका शरीर आवश्यक इंसुलिन बनाता है।हरी सब्जियां, अपने भोजन में शामिल करें। ऐसे तत्त्व अपने भोजन में अवश्य सम्मिलित करें जिनमें ओमेगा-3 तथा वसा हो। भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों, का सेवन भी करें।जैसे करेला, मेथी, पालक, तुरई, शलगम, टिंडा, चौलाई, परवल, लौकी, मूली, बेलपत्र, जौ,, पुदीना, हल्दी, काला चना, दालचीनी, फलीदार सब्जियां जैसे बीन्स, सैम फली, शिमला मिर्च आदि का सेवन करे|

9)शुगर के लिए फाइबर का अधिक प्रयोग

ऐसा भोजन जिनमें फाइबर अधिक होता  है फाइबर ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखने का सबसे अच्छा काम करता है| छिलके वाली दालों में बहुत फाइबर पाया जाता है|सबसे ज्यादा मुंग की दाल,मसूर की दाल,चने की दाल,तुवर की दाल का सेवन करना चाहिए|उड़द और सोयाबीन की दाल नहीं खाना चाहिए|क्योकि इसमें बहुत कम फाइबर पाया जाता है|

10) व्यायाम है बहुत जरुरी:

अच्छी सेहत के लिए व्यायाम बहुत जरुरी होता है|अगर हम रोजाना व्यायाम करते है तो कोई भी बीमारी हमें छु नहीं सकती इसलिए रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। व्यायाम न करने की वजह से शरीर में इंसुलिन लेवल बढ़ जाता है जिससे डायबिटीज होने का खतरा रहता है।और जिन लोगो को डायबिटीज की बीमारी लग गयी है उन्हें व्यायाम करना बहुत जरुरी है|क्योकि व्यायाम करने से आपकी डायबिटीज बहुत हद तक कम हो जाएगी| डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को अनुलोम-विलोम ,कपालभाती,भस्त्रिका,धनुरासन,शवासन,सेतुबंधासन हलासन जैसे योग करने चाहिए|

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