माइग्रेन यानी आधे सिर में दर्द होना | माइग्रेन, एक ऐसी बीमारी जिसके मरीज दुनियाभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हमारे देश में भी इसकी तादाद बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ा कारण है,भागदौड़ की जिंदगी। जो तनाव से तो भरपूर है पर उससे मुक्त होने के लिए हम कोई उपाय नहीं करते। बस यही सारी वजहें धीरे-धीरे माइग्रेन के रुप में बदलने लगती हैं।
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लेकिन सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि माइग्रेन यानी आधे सिर में दर्द और सिर दर्द में क्या अंतर है, क्योंकि कुछ लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें माइग्रेन है या फिर सिर दर्द |माइग्रेन और सिरदर्द दोनों अलग-अलग समस्या है |इसलिए सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि आपके अगर सिर में दर्द हो रहा है ,तो वह किस कारण से हैं |क्या आप सिर में दर्द माइग्रेन के कारण से हो रहा है| या आपके सिर में दर्द की कोई और वजह भी है |हर सिर दर्द माइग्रेन नहीं होता है |
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माइग्रेन यानी आधे सिर का कारण मरीज के सिर की ब्लड वेसल्स यानी खून की नलियों का फैल जाना और उसके बाद उसमें कुछ खास तरह के केमिकल्स का स्राव होना है। ये केमिकल्स नर्व फाइबर्स यानी तंत्रिका रेशों द्वारा पड़ने वाले दबाव की वजह से निकलते हैं। दरअसल, जब सिरदर्द के दौरान कोई आर्टरी या ब्लड वेसल फैल जाती है ,तो वह नर्व फाइबर्स पर दबाव डालती है। इस दबाव की वजह से केमिकल रिलीज होते हैं, जिससे ब्लड वेसल्स में सूजन, दर्द और फैलाव होने लगता है। इस स्थिति में मरीज को बहुत तेज सिरदर्द होता है।
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माइग्रेन यानी आधे सिर के लक्षण:
सबसे पहले हम यह जानते हैं कि जिन लोगों को माइग्रेन यानी आधे सिर होता है उसके क्या लक्षण होते हैं |
- बार-बार सिर में असहनीय दर्द की शिकायत माइग्रेन के लक्षण हो सकते हैं |जिन लोगों को माइग्रेन की प्रॉब्लम होती है |उनके सिर में बहुत ही तेज दर्द होता है |और यह दर्द इतना तेज होता है की सहन भी नहीं हो पाता है |
- माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति के सिर में जो दर्द होता है ,वह लगातार नहीं होता है| बल्कि कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक या उससे ज्यादा भी हो सकता है | फिर कुछ दिनों तक नहीं होता है और फिर वापस चालू हो जाता है |
- माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति के सिर में जो दर्द होता है ,वह पूरे सिर में नहीं होता है |बल्कि उसके आधे सिर में होता है |पर कुछ मामलों में पूरे सिर में भी दर्द भी हो सकता है |
- माइग्रेन से पीड़ित कुछ व्यक्ति में उल्टी ,चक्कर आना जैसी समस्या भी होने लगती है |
- इस रोग के अन्य सामान्य लक्षणों में प्रकाश, शोर या किसी भी तरह की गंध के प्रति मरीज में संवेदनशीलता बढ़ जाती है |इससे मरीज को उलटी, मिचली और उबकाई आने की भी शिकायत रहती है | इस स्थिति में नियमित शारीरिक गतिविधि, एक जगह से दूसरी जगह जाने या खांसने और छींकने से भी भयानक दर्द उभर सकता है |
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माइग्रेन यानी आधे सिर के कारण:
माइग्रेन के कोई स्पष्ट कारण नहीं है |पर कुछ कारण है जिन्हें हम बता रहे हैं |
- माइग्रेन अनुवांशिक भी हो सकता है |मतलब अगर आपके माता-पिता में माइग्रेन हैं, तो बच्चों में माइग्रेन होने की संभावना भी ज्यादा रहती है|
- जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है |उन्हें सिर में दर्द रहता है इसलिए सबसे पहले एसिडिटी को ठीक करें | इसके लिए हरी सब्जियां ,अंकुरित अनाज और लौकी का सेवन करें |
- कई बार बहुत ज्यादा कफ जमने के कारण भी सिर दर्द की समस्या होने लगती है |
- बहुत ज्यादा मानसिक तनाव के कारण भी माइग्रेन की समस्या होती है |
- हार्मोनल इंबैलेंस के कारण भी अक्सर माइग्रेन की समस्या होती है | कुछ महिलाएं मासिक धर्म की अवधि के दौरान ‘मेंस्ट्रअल माइग्रेन’ की शिकायत कर सकती हैं |यह कुछ महिलाओं में यह दर्द गर्भावस्था के दौरान गायब हो सकता है, जबकि कुछ महिलाओं को गर्भ धारण करने पर पहली बार माइग्रेन की शिकायत होती है |
- ज्यादा समय तक शरीर में इंफेक्शन होने के कारण भी माइग्रेन की समस्या होती है |
- अनियंत्रित ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के कारण भी ऐसा हो सकता है |
- माइग्रेन की एक वजह बदलती जीवन शैली और पूरी नींद ना लेना भी है |
- माइग्रेन के दर्द को उभारने के प्रमुख कारणों मे
- मौसम में अचानक बदलाव,
- बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना,
- तीक्ष्ण गंध, बहुत ज्यादा शोर,
- चमकदार और आंखों को चकाचौंध कर देने वाली रोशनी,
- भावनाओं के उफान,तनाव,
- बेचैनी, डिप्रेशन,थकान,
- लंबी यात्रा, सफर के दौरान उलटी होने,
- ज्यादा धूम्रपान करने,सिर में चोट लगने,
- धूप में ज्यादा देर तक रहने और
- बहुत ज्यादा शराब पीने के बाद होने वाला हैंगओवर शामिल है |
माइग्रेन यानी आधे सिर से बचने के उपाय:
कुछ लोगों को लगता है ,कि अगर एक बार माइग्रेन यानी आधे सिर में दर्द हो जाता है, तो उसका दर्द हमेशा सताता रहता है |पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है |माइग्रेन का इलाज हो सकता है |बार-बार होने वाले भयानक सिर दर्द को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है | माइग्रेन या फिर किसी भी तरह का सर में दर्द हो तो आप डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाएं और सबसे पहले यह पता लगाएं कि आप के सिर में जो दर्द हो रहा है किन कारणों से हो रहा है |
कभी कभी दर्द से बचने के लिए आप पेन किलर यूज कर सकते हैं |पर इसका मतलब यह नहीं है ,कि आप अपना इलाज खुद करें क्योंकि ऐसा करने से कुछ समय के लिए भले ही आप को राहत मिल सकती है |पर आपकी परेशानी सॉल्व नहीं होती है |जिन लोगों को माइग्रेन की प्रॉब्लम है या सिर में दर्द है उनके लिए हम कुछ सावधानियां बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं |
1) अनुलोम विलोम प्राणायाम
जिन लोगों को माइग्रेन या फिर आधे सर में दर्द रहता है उनके लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही उपयोगी है | इस प्राणायाम को आपको रोजाना 10 से 15 मिनट तक करना है |अनुलोम विलोम प्राणायाम में सबसे पहले आपको बाएं नाक से सांस लेना है और फिर दाहिने नाक से छोड़ना है और फिर दाहिने नाक से सांस लेना है और दाहिने नाक से छोड़ना है |
2)माइग्रेन में भ्रामरी प्राणायाम:
दूसरा प्राणायाम जो माइग्रेन के लिए है वह है भ्रामरी प्राणायाम |3 से 5 बार इस प्राणायाम को करें इसमें सास को भरकर नाक से छोड़ना रहती है इसमें मुंह बंद रहता है | इस प्राणायाम को करते वक्त व्यक्ति बिल्कुल मधुमक्खी की तरह ही गुंजन करता है, इसलिए इसे भ्रामरी प्राणायाम कहते है|
3) चाय और कॉफी का सेवन न करे:
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को चाय और कॉफी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए | कुछ लोगो की आदत होती है, की अगर उनके सर में दर्द होता है तो वे लोग चाय का सेवन करते है | पर इसका सेवन करने से आपकी समस्या कम होने की बजाय और भी ज्यादा बढ़ सकती है |
4) अच्छी नींद लेना बहुत जरुरी:
अच्छी नींद अच्छी सेहत की निशानी होती है |माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को अपने सोने का टाइम भी निश्चित रखना चाहिए | क्योंकि सही खानपान के साथ साथ सोने का भी एक निश्चित टाइम होना चाहिए |
5) तनाव लेने से बचे:
तनाव से जितना दूर रहेंगे उतने ही स्वस्थ रहेंगे |तनाव माइग्रेन को बढ़ाता है इसीलिए तनाव को दूर करने के लिए आप रोजाना योग मेडिटेशन जरूर करें |
6) सिर की मसाज जरुर करे:
सिर की मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है| साथ ही साथ आपके सिर में दर्द होने पर आराम भी मिलता है |सिर की मसाज करें। पहली 2 उंगलियों से हल्के हाथ से गोल-गोल घुमाकर सिर की मसाज करें। सिर के बीच, दोनों भौंहों के बीच और आंखों के कोनों पर स्थित प्रेशर पॉइंट्स को भी दबाएं।
7) जंक फूड का सेवन न करे:
माइग्रेन है तो आप डिब्बाबंद पदार्थों और जंक फूड का सेवन एकदम न करें। इससे आपका माइग्रेन और खतरनाक होता जाएगा। चूंकि जंक फूड में मैदे की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए इसे कम से कम खाएं। चूंकि इनमें ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।
8) हेअलथी फ़ूड जरुरी:
माइग्रेन से बचने के लिए आपको नाश्ते में ताजा और सूखे फलों का खूब सेवन करें। लंच में उन चीजों का इस्तेमाल करें जिनमें प्रोटीन भरपूर हो। जैसे दूध, दही, पनीर, दालें, मांस और मछली आदि। डिनर में चोकरयुक्त रोटी, चावल या आलू जैसी स्टार्च वाली चीजों के साथ सलाद भी लें। ज्यादा मिर्च-मसाले वाली चीजों से परहेज करें।
9) खाने का सही समय रखे:
माइग्रेन दर्द से बचने के लिए सबसे पहले तो अपने खाने का समय सुनिश्चित करें |लंबे समय तक खाली पेट ना रहे | रात का भोजन जल्दी करें |बहुत ज्यादा भारी भोजन न करे|
10) तापमान से खुद को बचाए:
तापमान में तेज बदलाव से बचें। मसलन एसी से एकदम गर्मी में न निकलें या फिर तेज गर्मी से आकर बहुत ठंडा पानी न पिएं। सूरज की सीधी रोशनी से बचें। अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो छाता लेकर और सन ग्लासेज पहनकर निकलें।
11) पानी भरपूर पिए:
दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं, वरना डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाइड्रेशन माइग्रेन का प्रमुख सामान्य कारक होता है। इसलिए डिहाइड्रेशन से बचें। शरीर में पानी रहेगा तो माइग्रेन के चांस कम होंगे।
तो आपने पढ़ा की माइग्रेन यानी आधे सिर के क्या लक्षण है ,किन कारणों से ये समस्या होती है और इनसे बचने के लिए क्या उपाय और क्या सावधानिया रखनी चाहिए |
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